Electrocardiogram (ECG)
क्या ये चित्र हमें कुछ समझा पा रहा है ?
ये एक ECG report है जो आपने TV, computer, किसी magazine या अख़बारों में कई बार देखी होगी।
इस ग्राफ में उतार – चढाव वाला हिस्सा बता रहा है कि व्यक्ति अभी जिंदा है और सीधी लाइन वाला हिस्सा बता रहा है कि व्यक्ति की मौत हो चुकी है।
ये भी पढ़ें…… अब मुझे आत्महत्या कर लेनी चाहिए
बस यही तो हमारी ज़िन्दगी है। ज़िन्दगी में जब उतार – चढाव हैं तो हम जिन्दा है नहीं तो एक सीधी लाइन में चलती नीरस ज़िन्दगी जीना तो मौत समान हो जायेगा।
सिर्फ सुख होगा तो भी जीवन नीरस हो जायेगा और अगर सिर्फ दुःख होगा तो भी जीवन में नीरसता और हताशा आएगी। लेकिन जब दोनों आते-जाते रहेंगे तो ज़िन्दगी जीने का अहसास जगाते रहेंगे। इस उतार-चढाव को ज़िन्दगी जीने का अहम् हिस्सा समझ हमें हमेशा खुश रहना चाहिए।
अगर हमें ज़िन्दगी को पूरी तरह से जीना है तो हमें खुश रहना आना चाहिए और इसके लिए अपनी खुशियों को बाह्य परिस्थितियों के अधीन मत करिए। क्योंकि कोई एक ही परिस्थिति किसी एक के खुश तो किसी दूसरे के दुखी होने का कारण बन सकती है।
- आप के घर चोरी हुई, आप दुखी है पर चोर खुश है।
- आप को promotion नहीं मिला, आप दुखी है। आपके साथी को भी नहीं मिला पर क्योंकि आपको नहीं मिला इसलिए वो खुश है।
- आप ने एक बढ़िया गाड़ी खरीदी है, आप बहुत खुश है। पर आपका कोई पडोसी या साथी आपसे इर्ष्या रखता है वो आपकी गाड़ी देखकर दुखी है।
- आप खुश है कि आपके घर में सुख-शांति है, सभी लोग घर में मोहब्बत से रहते हैं। पर आपके बहुत से पडोसी और रिश्तेदार आपकी सुख-शांति देखकर दुखी है।
ऐसे एक – दो नहीं सेकड़ों उदाहरण आप अपने आस-पास देख सकते हैं जिसमे एक ही परिस्थिति पर यदि आप दुखी है तो कोई दूसरा खुश है और यदि आप खुश है तो कोई दूसरा दुखी है।
इसलिए दोस्तों अपनी खुशियों को किसी भी बाह्य परिस्थिति के अधीन मत होने दे। हमेशा हर परिस्थिति को ख़ुशी-ख़ुशी सम्भाले।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें