Life me success hone ke tips:
क्या आप deserving हैं !!!!!
किसी भी position पर होने की हमारी “इंसानी व्यवस्था” पर गौर कीजिए:
आज हमारे समाज में किसी भी इंसान के आगे बढ़ने की “इंसानी व्यवस्था” क्या है ? हम बचपन से शुरू करते हैं। एक बार school में admission हो जाने के बाद हम examination की “इंसानी व्यवस्था” का सामना करते हैं। साल-दर-साल examinations देते जाते हैं और अगली class में पहुँच जाते हैं। अब इस दौरान अगर कभी किसी class की examination में कोई fail हो जाए तो क्या होता है? उसे फिर से उसी class में बैठना पड़ता है। फिर से परीक्षा की तैयारी करनी पड़ती है और ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे कि अपनी परीक्षा को pass करके अगली class में जा सके। school खत्म होने के बाद हम पहुँचते हैं college में, वहां भी examination की “इंसानी व्यवस्था” का फिर से सामना करते हैं।
college खत्म होने के बाद जो लोग job करने की इच्छा रखते हैं वो फिर से written, interview, group discussion का सामना करते हैं और जब इनमे success हो जाते हैं तो उन्हें job मिल जाती है, नहीं तो कहीं और apply करो और तब तक इन stages से गुजरते रहो जब तक की job ना लग जाए और job में promotion चाहिए तो company के appraisal system का सामना करिए।
इस दौरान कहीं भी ऐसा होता है क्या, कि हम किसी परीक्षा में fail हो जायें फिर भी हमें कहा जाये, fail हो गए तो कोई बात नहीं तुम तो अगली class में बैठो या college में fail होने वाले को भी degree मिल जाये या interview में fail होने वाले को भी job मिल जाये।
इसका मतलब ये है कि हमने एक ऐसी व्यवस्था बना रखी है जहाँ अगर आपको आगे बढ़ना है तो उसके लिए परीक्षा देनी होगी और जब आप परीक्षा pass कर लोगे तो ही आगे बढ़ सकते हो। परीक्षा में fail हो गए तो जहाँ हो, वहीँ रहो।
यदि मैं इसे दूसरी तरह से कहूँ तो आज आप जहाँ भी है उस position को deserve करते हैं इसलिए वहां है। अगर आप दसवीं में पढ़ रहे हैं तो आपने नवीं कक्षा पास करके अपने आप को दसवीं में बैठने लायक बनाया है। अगर आप college में हैं तो आपने अपनी school की शिक्षा पूरी करके अपने आप को college में पढने लायक बनाया है। आप Engineer, Doctor, CA या कुछ भी है तो आप वो deserve करते हैं, इसलिए आप हैं।
हम लोग TATA, Birla, Ambani, Bill Gates, Steve Jobs, Narayan Murti, Mark Zukerberg जैसे सफल लोगों को जानते हैं। क्या हम कह सकते हैं कि इन लोगों को कुछ आता-जाता नहीं सिर्फ किस्मत के भरोसे इतने सफल हो गए? नहीं, इन लोगों ने अपने रास्ते में आई हर रुकावट का मजबूती से सामना किया। अपने जोश, जूनून और कौशल से मुश्किलों में भी अवसर खोज निकाले और वो मुक़ाम हासिल किया, जहाँ सारी दुनिया इनकी सफलता की सराहना करती है।
स्वामी रामतीर्थ ने सही कहा है – “यदि तुम अपने आपको योग्य बना लो, तो सहायता स्वयमेव तुम्हे आ मिलेगी”
आखिर में – अगर किसी non-deserving को कभी किस्मत से कुछ ज्यादा success मिल भी जाती है तो उसके पास दो रास्ते होते हैं, एक अपनी किस्मत पर रश्क करे और मस्त हो जाए, दूसरा अपने आप को deserving बना ले। दोनों स्थितियों पर विचार करें, आप खुद फैसला कर सकते हैं कि कौन अपने success को sustain कर पायेगा?
“जितनी बड़ी सफलता आप चाहते हैं, उतनी ही बड़ी परीक्षा/चुनौतियों के लिए तैयार रहिये।”
ध्यान रखें – कोई चुनौती आपकी life में इसलिए नहीं आती कि उसे आपको हराना है, वो तो इसलिए आई है क्योंकि उसे आपको इस लायक बनाना है कि आप अपनी चाही गई सफलता को sustain कर सकें।
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