कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान के सम्मान का है ….
सभी देशवासियों को हमारे 70वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!!!
HAPPY INDEPENDENCE DAY
आजादी के इस पर्व पर पढ़िए दो बेहतरीन देशभक्ति हिंदी गीत:
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी
ऐ मेरे वतन के लोगों,तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का, लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर, वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो, कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर न आए, जो लौट के घर न आए
ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी
तुम भूल न जाओ उनको, इस लिये सुनो ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी
जब घायल हुआ हिमालय, खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो, फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा, सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी
जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने, थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी
कोई सिख कोई जाट मराठा, कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला, हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर, वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी
थी खून से लथ-पथ काया, फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा, फिर गिर गये होश गँवा के
जब अन्त-समय आया तो, कह गए के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों, अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने, क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी
तुम भूल न जाओ उनको, इस लिये कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी
जय हिन्द, जय हिन्द की सेना
जय हिन्द, जय हिन्द की सेना
जय हिन्द जय हिन्द जय हिन्द…
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी
नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी
हम हिंदुस्तानी, हम हिंदुस्तानी
आज पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ चुके हैं
क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं
चांद के दर पर जा पहुंचा है आज ज़माना
नए जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी…..
हम को कितने ताजमहल हैं और बनाने
कितने हैं अजंता हम को और सजाने
अभी पलटना है रुख कितने दरियाओं का
कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने ?
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी….
आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएं
अपने हाथों से अपना भगवान बनाएं
राम की इस धरती को गौतम कि भूमी को
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएं
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी….
दाग गुलामी का धोया है
जान लुटा के दीप जलाए हैं
ये कितने दीप बुझा के ली है आज़ादी
तो फिर इस आज़ादी को रखना होगा
हर दुश्मन से आज बचा के
हर ज़र्रा है मोती आँख उठाकर देखो
मिट्टी में सोना है हाथ बढ़ाकर
देखो सोने कि ये गंगा है चांदी की जमुना
चाहो तो पत्थर पे धान उगाकर देखो
नया खून है नई उमंगें, अब है नई जवानी
हम हिन्दुस्तानी….
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें