Stories for children- महान संतों की कहानी:
1. हिंदी कहानी – स्वामी रामतीर्थ की गुरु के लिए श्रद्धा:
स्वामी रामतीर्थ बचपन में गाँव के ही एक मौलवी साहब से पढ़ा करते थे। अपनी शुरूआती पढाई समाप्त होने पर अब उन्हें स्कूल भेजा जाना था। स्वामी रामतीर्थ के पिता मौलवी साहब के पढ़ाने के तरीके से काफी प्रसन्न थे। वे रामतीर्थ को अच्छे से पढ़ाने के लिए मौलवी साहब को मासिक वेतन के अलावा भी कुछ भेंट देना चाहते थे। जब रामतीर्थ को पिता के इस विचार के बारे में पता चला तो वे बहुत खुश हुए।
वे अपने पिता के पास गए और बोले,”पिताजी! मौलवी साहब को अपनी बढ़िया दूध देने वाली गाय दे दीजिये। इन्होने मुझे सबसे बढ़िया दूध मतलब विद्या का दूध पिलाया है।”
स्वामी रामतीर्थ की अपने गुरु के प्रति इस श्रद्धा को देखकर उनके पिता और मौलवी साहब दोनों ही प्रसन्न हो गए।
Moral – गुरु के प्रति हमेशा श्रद्धा रखें।
2. हिंदी कहानी – संत कबीर दास और उनका लोटा:
एक बार कबीर दास जी गंगा किनारे नहा रहे थे। उन्होंने देखा कुछ ब्राह्मण गंगा की गहरी धार से डरकर किनारे पर ही खड़े हैं। उन्होंने अपने लोटे को गंगा किनारे की रेत से अच्छे से मांझ कर धो दिया। फिर एक आदमी को ये लोटा दिया और कहा, “ये लोटा उन ब्राह्मणों को दे आओ, ताकि वे भी गंगाजल से स्नान कर लें।”
वह व्यक्ति उन ब्राहमणों के पास गया और उन्हें लोटा देते हुए इससे नहा लेने को बोला। कबीर का लोटा देखकर ब्राहमण चिल्लाकर बोले, “अरे यह एक जुलाहे का लोटा है, इसे हमसे दूर रखो। इससे नहाकर हम अपवित्र हो जाएंगे।”
इस पर कबीर ने कहा, “मैंने इस लोटे को मिट्टी से कई बार मांझा, इसे गंगाजल से भी धोया। फिर भी ये पवित्र नहीं हुआ तो दुर्भावना से भरा तुम्हारा ये मानव-मन गंगाजल से स्नान कर लेने से भला कैसे पवित्र हो जायेगा।”
Moral – हमें सिर्फ अपने शरीर को ही नहीं बल्कि मन को भी पवित्र रखने पर ध्यान देना चाहिए।
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