अपनी पहचान कभी मत भूलो – Short Hindi Story for kids…
एक गांव में एक धोबी रहता था। धोबी के पास एक कुत्ता और एक गधा था। धोबी अपने गधे और कुत्ते को बहुत प्रेम करता था और दोनों का बहुत ख्याल रखता था। गधा धोबी के कपड़े की गठरी को नदी तक लाता ले जाता था और कुत्ता धोबी के घर और सामान की रखवाली करता था।
वैसे तो धोबी अपने दोनों जानवरों को बराबर प्यार करता था लेकिन गधे को हमेशा ये लगता था की मालिक कुत्ते को ज्यादा प्यार करता है, क्योंकि धोबी जब भी घर लौट कर आता कुत्ता प्रेम से उसके ऊपर चढ़ता, उसको चाटता, उसके कपडे पकड़ के खींचता और बदले में धोबी भी उससे प्यार जताता, उसे सहलाता।
ये देख गधे को लगता की धोबी का सारा सामान तो मैं उठाता हूँ, मेहनत बराबर मैं करता हूँ जबकि ये कुत्ता पूरे दिन घर में पड़ा पड़ा आराम करता रहता है और मुफ्त का खाना खाता है। लेकिन जब भी मालिक आता है तो कुत्ता उसके साथ थोड़ा बहुत खेल कर सारा प्यार पा लेता है।
जबकि मैं पूरे दिन मालिक के साथ मेहनत करता हूँ लेकिन फिर भी मालिक मुझ पर तो कभी भी इस तरह प्यार नहीं जताता। वैसे धोबी दोनों को बराबर प्यार करता था बस प्यार जताने का फर्क था। क्योंकि कुत्ता उससे खेलता था तो वो भी उससे खेल लेता और गधा चुपचाप उसका बोझा ढोता था तो मालिक भी थोड़ा बहुत प्यार जता पाता।
गधे को ये बात हमेशा परेशान करती थी की काम सारा मैं करूँ और मालिक को कुत्ता ज्यादा प्यारा है। मुझे ऐसा क्या करना चाहिए की मालिक मुझे ज्यादा प्यार करे। गधा दिन रात इसी उधेड़बुन में रहता और ज्यादा प्यार पाने की तरकीब सोचता रहता।
Short Hindi Story – गधा और मज़ार
एक दिन बैठे बैठे गधा सोच रहा था तभी उसके मन में ख्याल आया की कुत्ता ऐसा क्या करता है जिससे की वो ज्यादा प्यारा है। तभी उसे याद आया की मालिक जब भी घर लौट कर आता है तो कुत्ता उसके ऊपर छलांग मारता है, उसे चाटता है और उसके कपड़े खींचता है। हो ना हो यही वजह है की मालिक को वो ज्यादा प्यारा है और अब मैं भी पीछे नहीं रहूंगा और मैं भी मालिक को अपना प्यार ऐसे ही जताऊँगा।
यह सोच कर गधा मालिक के आने का इंतज़ार करने लगा। शाम के वक़्त जब धोबी घर पर आया तो कुत्ता अंदर सो रहा था तो गधे ने मौका देख कर मालिक के ऊपर छलांग मरना शुरू कर दिया, उसे चाटने लगा और उसके कपड़े खींचने लगा।
ऐसा करने से गधे के खुरों से धोबी के पैर घायल हो गए, उसके कपड़े फट गए। पहले तो धोबी को कुछ समझ नहीं आया कि इसे क्या हो गया, जब वो ज्यादा घायल हो गया तो उसे बहुत गुस्सा आया। धोबी ने सोचा गधा पागल हो गया, उसने अपना लट्ठ उठाया और गधे पर बरस पड़ा।
उसने गधे को बहुत मारा और उसे भगा दिया। गधा भी बेचारा पिट के वहां से भाग गया और सोचने लगा कि मैंने ऐसा क्या कर दिया जो मुझे मालिक ने ऐसे पीट दिया। मैं तो सिर्फ प्यार जता रहा था। वो सोच रहा कि यही काम अगर कुत्ता करता तो उसे प्यार मिलता और मैंने किया तो लट्ठ मिले।
कहानी का सार
दुनिया में हर जीव की अलग पहचान है और वो अपनी पहचान के मुताबिक ही रहे तो ही अच्छा है। अगर वो दूसरे जीव के स्वाभाव में ढलने की कोशिश करेगा तो हमेशा ठोकर या असफलता ही पायेगा।
तभी तो किसी ने खूब लिखा है:
जिसका काम उसी को भावे !
दूजा करे तो लट्ठ खावे !!
रचना: अजीत यादव
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ये Short Hindi Story हमें अजीत यादव जी ने भेजी है, इस Short Hindi Story को हमारे पाठकों के साथ शेयर करने के लिए अजीत जी का धन्यवाद्.
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