Appreciation Importance story | Appreciation का जीवन में महत्व

Appreciation Importance story | Appreciation का जीवन में महत्व

एक academically excellent young लड़के ने एक बड़ी company में managerial position के लिए apply किया। first round के interview को उसने बड़ी आसानी से पार कर लिया। second round का interview company के director ने खुद लेने का decide किया जिससे कि वो इस position के लिए सही candidate का चुनाव कर सके।

यह लड़का final interview देने के लिए director के पास पहुंचा। director ने उस young लड़के का CV देखा तो पाया की इस लड़के के school से लेकर college तक के academic records बहुत ही अच्छे हैं। ऐसा कोई भी वर्ष नहीं रहा जब उसने अच्छा score नहीं किया हो।

Director ने उसका interview लेना शुरू किया। Director ने उससे पूछा, “क्या तुम्हारे school की fees तुम्हारे father जमा कराते थे?”

लड़के ने जवाब दिया,”मेरे पिताजी की मौत तभी हो गयी थी, जब मैं एक वर्ष का था। मेरी माँ ने मुझे पाल-पोष कर बड़ा किया और वही मेरे school की fees भी जमा कराती थी।”

Director ने अगला सवाल किया,“तुम्हारी माँ क्या काम करती थी ?”

लड़के ने जवाब दिया,“मेरी माँ ने मुझे पालने-पोषने के लिए cloth cleaner का काम किया।”

Director ने उस लड़के से अपने हाथ दिखाने को कहा।

लड़के ने अपने दोनों हाथ आगे कर दिए। उसके हाथ बिलकुल smooth और perfect थे।

उसके हाथों को देखने के बाद director ने उससे पूछा,“क्या तुमने पहले कभी भी कपडे धोने में अपनी माँ की मदद की?”

लड़के ने कहा,”नहीं, कभी भी नहीं, मेरी माँ हमेशा यही चाहती थी कि मैं ज्यादा से ज्यादा पढाई करूँ। और इसके अलावा मेरी माँ मुझसे कहीं ज्यादा तेज़ और अच्छे से कपडे धो सकती है।”

Director ने उससे कहा,” मेरी तुमसे एक request है, आज जब तुम घर पहुँचो तो सबसे पहले अपनी माँ के हाथ अच्छी तरह से धोना और फिर कल आकर मुझसे मिलना।”

लड़के को लगा कि यहाँ job मिलने के उसके chances काफी अच्छे है। वह ख़ुशी-ख़ुशी घर लौट गया।

घर पहुँचते ही सबसे पहले उसने अपनी माँ से उसके हाथ धोने की request की।

उसकी माँ को बहुत अजीब लगा पर साथ ही ख़ुशी भी हुई। इस mix feeling के साथ उसने अपने हाथ अपने बच्चे को धोने के लिए दे दिए। लड़का भी अपनी माँ के हाथ आराम से साफ करने लगा। इस दौरान उसके आँखों से आंसू बहने लगे। उसने ये पहली बार notice किया था कि उसकी माँ के हाथ बहुत कठोर हो गए थे और हाथों में चोट के निशान भी थे। कुछ चोटें तो इतनी painful थी कि हाथ धोने के दौरान ही उसकी माँ की आह निकल गयी।

उस लड़के को पहली बार ये realize हुआ कि यही वो हाथ हैं जिन्होंने रोजाना कपडे धोकर उसके school और college की fees भरी। उसकी माँ के हाथों में चोटों के निशान वो कीमत है, जो उसकी माँ को उसके graduation, academic और future के लिए चुकानी पड़ी है।

माँ के हाथों को धोने के बाद उसने बाकी बचे हुए कपडे भी धोये। उस रात माँ और बेटे के बीच काफी देर तक बातचीत होती रही।

अगली सुबह वो लड़का director के पास पहुँचा।

Director ने उसकी आँखों के आंसुओं को notice कर लिया और उससे पूछा,” क्या तुम मुझे बता सकते हो कि कल तुमने अपने घर पर क्या किया और क्या सीखा?”

लड़के ने जवाब दिया,”कल पहली बार मैंने अपनी माँ के हाथ धोये और साथ ही बचे हुए कपडे भी धोये।”

Director ने पुछा,”क्या तुम मुझे अपनी feelings के बारे में बताना चाहोगे?”

लड़के ने कहा –

1. अब मुझे पता है कि Appreciation importanceक्या है? मेरी माँ के बगैर मैं आज सफल नहीं हो सकता था।

2. मेरी माँ के साथ काम कर और उसकी मदद करके ही मैं जान पाया कि कपडे धोना कितना difficult और tough काम है

3. अब मुझे family relationship की importance और value को appreciate करना आता है।

Director ने कहा,”मैं अपने manager में यही बातें देखना चाहता हूँ। मैं ऐसे व्यक्ति को recruit करना चाहता हूँ जो दूसरों की मदद को appreciate कर सके, जो किसी काम करने वाले की परेशानियों को समझ सके और सिर्फ money जिसके जीवन का एक मात्र goal ना हो। मैं तुम्हे recruit करता हूँ। you are hired.”

इस लड़के ने company में बहुत मेहनत से काम किया, वहां बहुत इज्ज़त पाई। सभी employee ने बहुत ही मेहनत से एक team की तरह काम किया और company की performance बहुत ही बढ़िया तरीके से improve हो गयी।

Moral of the Appreciation Importance Story:

एक बच्चे की परवरिश अगर इस तरह से की जाये की उसे हमेशा protection दी जाये और उसे जो भी चाहिए, वो उसके सामने तुरंत हाज़िर कर दिया जाये तो ऐसा बच्चा “entitlement mentality” के साथ develop होगा और हमेशा हर चीज अपने आप के लिए ही चाहेगा। ऐसा बच्चा अपने parents के efforts को भी दरकिनार कर देगा।

ये बच्चा जब कहीं job start करेगा तो यही assume करेगा कि सभी लोगों को उसकी बात ही सुननी चाहिए। और जब ये manager बनेगा तो कभी भी अपने employee की परेशानियों को नहीं समझेगा और हमेशा दूसरों को ही blame करेगा।

इस तरह के लोग academically बहुत अच्छे हो सकते हैं, कुछ समय के लिए successful भी हो सकते हैं पर long term में ये कभी भी sense of achievement को feel नहीं कर पाएंगे। ऐसे लोग बडबडाते रहेंगे, इनके मन में घृणा होगी और ज्यादा के लिए लड़ेंगे। अगर हम बहुत ही protective parents हैं और इस तरह से बच्चे की परवरिश कर रहें है तो क्या really में हम उससे प्यार कर रहें हैं या उसकी life ख़राब करने का आधार तैयार कर रहें हैं।

बच्चों की परवरिश अमीर बनकर नहीं अच्छे माँ-बाप बनकर करें:

आप अपने बच्चे को एक बड़े घर में आरामदायक ज़िन्दगी दे सकते हैं, उसके घूमने जाने के लिए car और driver दे सकते हैं, बढ़िया खाना खिला सकते हैं, एक बड़े size के TV पर उसके entertainment का arrangement कर सकते हैं। लेकिन जब आप अपने lawn के grass cutting करें, तो उसे भी ये करने दें। खाना खाने के बाद उन्हें अपने plate धोने दें। उन्हें public bus में travel करने को कहें, इसलिए नहीं की आपके पास पैसा नहीं है पर इसलिए क्योकि आप उन्हें सच्चा प्यार करते हैं। आप उन्हें दुनियादारी सिखाना चाहते हैं। आप उन्हें समझाना चाहते हैं कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि उनके parents आज कितने अमीर हैं। एक दिन आपके बाल भी सफ़ेद हो जायेंगे जैसे कि उस young लड़के की माँ के हुए।

एक अच्छी परवरिश से सबसे important बात आपके बच्चे सीखते हैं कि किसी के effort को कैसे appreciate करना है, कैसे difficulty को महसूस करना है और दूसरों के साथ कैसे मिलकर काम करना है।

Appreciation Importance story मुझे मेरे एक दोस्त ने काफी समय पहले English में भेजी थी। इसका हिंदी रूपांतरण आपको कैसा लगा? comments के जरिए जरूर बताएं। आपके सूझावों का हमेशा स्वागत है।

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