तेनालीराम की कहानियां - कौवों की गिनती | Tenali & Crow Story

तेनालीराम की कहानियां – कौवों की गिनती | Tenali & Crow Story

तेनालीराम की कहानियां, तेनालीराम के रोचक किस्सों में से आज पढ़िए – जब राजा ने तेनाली से पूछा कि हमारे शहर में कितने कोवे हैं? तो तेनाली ने कैसे अपनी समझदारी से सबका मुँह बंद किया, जानने के लिए पढ़िए पूरी कहानी:

तेनालीराम की कहानियां

तेनालीराम को परेशान करने के लिए महाराजा कृष्णदेव कभी-कभी उटपटांग से सवाल भी पूछ लिया करते थे। लेकिन ऐसे सवालों के भी तेनालीराम ऐसे जवाब देते कि महाराज को चुप रह जाना पड़ता था। ऐसे ही एक दिन महाराज ने तेनाली को परेशान करने के लिए पूछा, “तेनालीराम! तुम्हारे पास तो हर सवाल का जवाब है तो क्या तुम यह भी बता सकते हो कि हमारे राज्य में कुल कितने कौवे हैं?”

तेनाली ने तुरंत ही जवाब दिया, “हां महाराज, बिल्कुल बता सकता हूं?”

महाराज ने फिर से पूछा, “तेनालीराम फिर से सोच लो, क्या तुम बिल्कुल ठीक ठीक संख्या बता सकते हो?”

तेनालीराम ने फिर जवाब दिया, “जी हां महाराज, बिल्कुल ठीक संख्या बताऊंगा।”

महाराज ने थोड़ा भय दिखाते हुए बोला, “सोच लो तेनालीराम अगर नहीं बता पाए तो तुम्हें इसकी सजा भी मिल सकती है।”

तेनालीराम ने पूरे आत्मविश्वास से कहा, “महाराज मैं आपको बिल्कुल ठीक संख्या ही बताऊंगा।”

तेनालीराम की कहानियां – तेलानीराम ने पूरी की इच्छा

तेनाली से जलने वाले दरबारी यह सुनकर खुश हो गए। उन्हें लगा कि इस बार तो तेनालीराम फंस ही गया। भला परिंदों की भी कोई गिनती की जा सकती है।

महाराजा कृष्णदेव बोले, “ठीक है तेनालीराम, तो हम तुम्हें दो दिन का समय देते हैं. अब दो दिन बाद तुम हमें बताओगे कि हमारे राज्य में कुल कितने कौवे हैं?”

दो दिन बीत गए, तीसरे दिन दरबार लगा। सभी लोग दरबार में उपस्थित थे। दरबारी सोच रहे थे आज तो तेनालीराम को कोई नहीं बचा सकता।

महाराज ने तेनालीराम की ओर देखा और पूछा, “तो क्या तुमने हमारे राज्य के सभी कौवों की संख्या कर ली है?”

तेनालीराम ने जवाब दिया, “हां महाराज हमारे राज्य में कुल 156912 कौवे हैं।”

महाराज ने चौकते हुए कहा, “क्या सचमुच इतने ही कौवे हैं?”

“हां महाराज, अगर आपको कोई शंका है तो आप फिर से गिनती करवा सकते हैं” तेनाली ने कहा।

महाराज ने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर फिर से गिनती होने पर संख्या कम-ज्यादा निकली तो?”

तेनालीराम ने बहुत ही आराम से जवाब दिया, “महाराज वैसे तो ऐसा होगा नहीं, लेकिन फिर भी यदि संख्या कम ज्यादा निकली तो उसके पीछे कारण होगा।”

महाराज झल्लाते हुए बोले, “इसका भला क्या कारण होगा?”

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तेनालीराम ने जवाब दिया, “महाराज यदि संख्या मेरी बताई हुई संख्या से बढ़ी हुई मिली तो इसका मतलब होगा कि हमारे राज्य के कौवों के कुछ रिश्तेदार उनसे मिलने आ गए हैं। और यदि संख्या घटी हुई मिली तो इसका अर्थ होगा कि हमारे राज्य के कुछ कौवे अपने रिश्तेदारों से मिलने चले गए हैं। बाकी तो मेरी बताई हुई संख्या बिल्कुल ठीक है।”

तेनाली की बात सुनकर महाराज निरुत्तर हो गए।

तेनालीराम से जलने वाले दरबारी भी अंदर ही अंदर जल-भुन कर रह गए की तेनालीराम हमेशा अपनी चालाकी से किसी भी परेशानी से बच निकलता है।

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