Hindi Moral Story – Do not be jealous
ये काफी समय पहले की बात है। एक गांव में ईर्ष्यालु प्रवत्ति का एक किसान रहता था। वह बहुत गरीब था, अपनी आजीविका चलाने के लिए उसके पास एक बहुत छोटा सा खेत था। उस खेत में कुछ अनाज व सब्जियां उगाकर वह अपना व परिवार का पालन-पोषण करता था। इससे बड़ी मुश्किल से ही उसका गुजर -बसर हो पाता था। गरीबी के कारण उसके पास धन की हमेशा कमी बनी रहती थी। अपने ईर्ष्यालु स्वभाव के कारण उसकी अपने पडोसियों और रिश्तेदारों से भी बिलकुल नहीं बनती थी।
समय के साथ किसान की उम्र ढलने लगी, अब उससे मेहनत का काम नहीं हो पाता था। उसे खेत पर काम करने में भी काफी मुश्किलें आती थी। उसके पास बैल नहीं होने की वजह से खेत भी उसे खुद ही जोतने पड़ते थे। सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता था क्योंकि खेत में या आसपास कोई कुआँ, तालाब या नहर भी नहीं थे, जिससे वह अपने खेतों की सिंचाई कर सके।
एक दिन जब वह अपने खेत से थका-हारा घर की और लौट रहा था तो रास्ते में उसकी मुलाकात एक बुजुर्ग बाबा से हुई। वह बाबा उस किसान से बोले, “क्या बात है भाई, बहुत दुखी जान पड़ते हो?”
किसान ने अपनी दुःख भरी दास्तान बाबा को सुनानी शुरू कर दी
किसान बोला क्या बताऊँ बाबा, मैं बहुत गरीब आदमी हूँ, छोटे से खेत के सहारे बड़ी मुश्किल से अपना व परिवार का पेट पाल रहा हूँ। बुढ़ापे की वजह से खेत में बराबर मेहनत नहीं कर पाता हूँ। मेरे पास धन की बहुत कमी है जिसकी वजह से मैं एक बैल भी नहीं खरीद पा रहा हूँ। मेरे पास एक बैल होता तो मैं अपने खेत की जुताई, बुआई और सिचाई का सारा काम आराम से कर लेता।
बाबा ने उससे पूछा, “अगर तुम्हे एक बैल मिल जाए तो क्या तुम्हारी समस्या का समाधान हो जायेगा?”
किसान ने जवाब दिया,”बाबा! तब तो मेरी खेती का सारा काम बहुत आसानी से हो जायेगा। मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहेगा।” किसान ने आगे कहा,”पर बाबा! मुझे बैल कहाँ से मिलेगा भला?”
बुजुर्ग ने किसान से कहा, “मैं आज ही तुम्हे एक बैल दे देता हूँ।” सामने खड़े बैल की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने किसान से कहा, “जाओ, यह बैल घर ले जाओ पर घर जाकर तुम अपने पडोसी को मेरे पास भेज देना।”
किसान को कुछ अट-पटा सा लगा, वह बोला बाबा! आप मुझे बैल दे देंगे, यह जानकार मुझे बहुत ख़ुशी हुई। परन्तु आप मेरे पडोसी से क्यों मिलना चाहते हैं?
बुजुर्ग ने कहा,”क्योंकि मैं उसे दो बैल देना चाहता हूँ, इसलिए जाओ और अपने पडोसी से बोलना वो मेरे पास आकर दो बैल ले जाये।”
यह सुनते ही किसान का ईर्ष्यालु स्वाभाव अन्दर से जाग उठा
बुजुर्ग की बात सुनकर किसान अपने ईर्ष्यालु स्वाभाव के कारण भीतर ही भीतर क्रोधित होने लगा। वह ईर्ष्या के कारण मन-ही-मन जल-भून रहा था। वह बोला,”बाबा! यह कैसा गजब है! आप नहीं जानते मेरे पडोसी के पास तो पहले से ही सबकुछ है। फिर उसे और दो बैल देने की क्या जरूरत है। यदि मुझे एक बैल देने के कारण आप उसे दो बैल देना चाहते हैं तो मुझे एक बैल भी नहीं चाहिए।”
बुजुर्ग ने बैल को अपनी और खींच लिया और कहा, क्या तुम जानते हो कि तुम्हारी समस्या क्या है?
तुम्हारी समस्या गरीबी नहीं ईर्ष्या है। तुम्हे जो मिल रहा है, यदि तुम उतने से ही संतुष्ट हो जाते और पड़ोसियों व रिश्तेदारों की सुख-सुविधा से ईर्ष्या नहीं करते तो शायद संसार में सबसे ज्यादा सुखी इंसान बन जाते।
So friends, do not be jealous of others.
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